मिलावटखोरों के खिलाफ कार्रवाई के लिए स्थापित होंगे फास्ट ट्रैक कोर्ट, निशुल्क दवाइयों की संख्या 709

राजस्थान सरकार ने वर्ष 2020-21 के 12 हजार 345 करोड़ 61 लाख रुपए के घाटे के बजट के साथ निरोगी राजस्थान का लक्ष्य पाने के लिए चिकित्सा पर 14 हजार 533 करोड़ 37 लाख रुपए का प्रावधान का प्रस्ताव रखा है। 

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज विधानसभा में वर्ष 2020-21 का अनुमानित बजट पेश करते हुए चिकित्सा के साथ सात संकल्पों की प्राथमिकता बताई। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार की गलत आर्थिक नीतियों के कारण राजस्व गिरावट में कमी बताते हुए कहा कि प्रदेश के 10 हजार 362 करोड़ रुपए केन्द्रीय करों में काटे जा रहे है। इसके बावजूद गरीबों का आंसू पूछने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है जबकि पिछली सरकार के वित्तीय कुप्रबंध के कारण तीन लाख दस हजार करोड़ रुपए का कर्ज विरासत में मिलने के साथ 13 हजार करोड़ रुपए के स्वीकृत किये गये कार्यों के भुगतान का भार भी सरकार पर छोड़ा गया है।

गहलोत ने निरोगी राजस्थान अभियान को गति प्रदान करने के लिए 100 करोड़ रुपए का निरोगी राजस्थान प्रबंधन कोष के गठन की घोषणा की है जिसमें प्रत्येक जिले को एक करोड़ रुपए प्रचार प्रसार के लिए मिलेंगे। उन्होंने कहा कि अगले वर्ष संपूर्ण नागरिकों का डिजीटल हेल्थ सर्वे किया जायेगा एवं नि:शक्तता की पहचान के लिए जिला स्तर पर अर्ली इंटरवेंशन सेंटर की स्थापना की जायेगी ताकि ईलाज समय पर किया जा सके।

मिलावटखोरों के विरुद्ध कड़े कदम उठाने का जिक्र करते हुए कहा कि मिलावटखोरों के खिलाफ त्वरित कानूनी कार्रवाई के लिए अलग से फास्ट ट्रेक कोर्ट स्थापित किये जायेंगे। शुद्ध के लिए युद्ध अभियान को सफलतापूर्वक चलाने के लिए एक ऑथरिटी का गठन किया जायेगा व प्रत्येक जिले में लैब स्थापित की जायेगी।

उन्होंने बताया कि नि:शुल्क दवाइयों में केंसर, किडनी एवं लीवर की दवाईयों को शामिलकर नि'शुल्क दवाइयों की संख्या 709 कर दी गई है। इसके अलावा केंसर की प्रभावी मॉनिटरिंग के लिए केंसर रोगियों का पंजीयन अनिवार्य किया जायेगा।